बेटा और बेटी में फर्क नहीं कीजिये

*प्रतियोगिता*
विषय:- स्वतंत्र
दिनांक:- 16अक्टूबर 2022

शीर्षक:-बेटा और बेटी में फर्क नहीं कीजिये
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बेटा और बेटी में फर्क नहीं  कीजिए,

           बेटों के लिये ही आती हैं बेटियां।  

बोलो बिना बेटी के बेटा कहाँ पाओगे,   

       इस जग में बेटों को लाती हैं बेटियां।

दोनों इक दूजे के पूरक विनोदी है,  

      दोनों के आने से सुख पाती हैं बेटियां। 

यदि बेटा कुल दीपक कहलाये दुनियाँ में, 

    तो कुल देवी जग में कहाती हैं बेटियाँ। 

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वंश वृद्धि बेटे से होती है दुनिया में,    

        बस यही आश में  आतीं हैं बेटियां।  

अगली वार बेटा ही होगा अब मेरे घर,   

     यही इक प्रयास में आतीं हैं बेटियां।   

बेटी के बाद तो बेटा ही देंगे राम,    

      विधि के विश्वास पर आतीं हैं बेटियां।  

  बेटा के बाद भी बेटा ही चाहिए हमें,    

       बंश के विकास में आतीं हैं बेटियां। 

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बेटे के पाते ही भुलाते देते बेटियों को,  

      मानो कि कोई इतिहास हुईं  बेटियां।

 कहनेे को बेटा और बेटी बराबर पर,      

     अपने ही घर में उपहास हुईं बेटियां।  

बेटा हो कैसा भी प्राणों से प्यारा है,  

   किन्तु पर घर की अरदास हुईं बेटियां। 

सब सहकर हंसती हैं पर घर में बसती हैं, 

      विनोदी कभी ना निरास हुईं बेटियां। 


के एल सोनी विनोदी 

महाराजपुर जिला छतरपुर मध्यप्रदेश

मेरी प्यारी सु

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4 Comments

Suryansh

21-Oct-2022 07:12 AM

बहुत बहुत ही उम्दा और सशक्त रचना

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बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Reena yadav

16-Oct-2022 03:46 PM

👍👍🌺

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